विविध >> समुदाय आधारित व्यवस्था और खाद्य सुरक्षा समुदाय आधारित व्यवस्था और खाद्य सुरक्षाविश्वम्भरनाथ त्रिपाठी
|
2 पाठकों को प्रिय 367 पाठक हैं |
खाद्य सुरक्षा के संदर्ब में हर समुदाय का अपना पारंपरिक तरीका रहा है...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
खाद्य सुरक्षा के संदर्ब में हर समुदाय का अपना पारंपरिक तरीका रहा है। पूरे साल भर के लिेए न केवल अपने परिवारों बल्कि अपने गांव व समुदायों के लिए खाद्यसुरक्षा हेतु मिलकर प्रयास करने की परंपरा आदिवासी समुदायों में रही है।
पर आज के उभरते राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य में स्थानीय एवं समुदाय आधारित यह परम्पराएं और एक दूसरे को सहयोग और सुरक्षा देने वाली संस्कृति खोती नजर आ रही हैं।
पर आज के उभरते राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य में स्थानीय एवं समुदाय आधारित यह परम्पराएं और एक दूसरे को सहयोग और सुरक्षा देने वाली संस्कृति खोती नजर आ रही हैं।
|
लोगों की राय
No reviews for this book